कस्तूरबा घोटाला,एक एक छात्रा की जांच होगी, दिव्या मित्तल,कलेक्टर सन्तकबीरनगर


सन्तकबीरनगर,

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में भोजन के नाम पर प्रदेश के 18 जिलों में नौ करोड़ रुपये के अनियमितता के मामले में संतकबीरनगर जिले में एक-एक छात्राओं की उपस्थिति का भौतिक सत्यापन होगा। अभिलेखों में फेरबदल की संभावना को देखते हुए डीएम ने ऐसा निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि छात्राओं के अभिभावकों से भी पूछताछ की जाएगी। संतकबीरनगर कस्तूरबा विद्यालयों में भोजन के नाम पर 39 लाख रुपये निकालने का मामला है.





ज्ञातव्य है कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई होती है। इधर कोरोना काल के चलते विद्यालय बंद है और छात्राएं अपने घर पर हैं। 11 फरवरी से लेकर 31 मार्च के बीच में छात्राओं के भोजन, सामान व अन्य मद में प्रदेश के 18 जिलों में नौ करोड़ रुपये निकाल लिए गए।



राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने इन जिलों के बीएसए से जवाब मांगा था कि प्रेरणा पोर्टल पर छात्राओं की उपस्थिति न होने के बावजूद भी भोजन मद, मेडिकल केयर, कंटीजेंसी मद एवं स्टेशनरी मद में शत प्रतिशत धनराशि का भुगतान किया गया है, जो वित्तीय अनियमितता में आता है।



इस मामले को अमर उजाला ने 28 मई के अंक में छात्राएं आईं नहीं और निकाल लिए नौ करोड़ रुपये शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था। उसके बाद से लगातार शासन इस पर नजर रखे हुए है। इस मामले में शासन ने पहले ही एडी बेसिक को जांच सौंप दिया है।


कार्यालय के सूत्रों की माने तो अपने को बचाने के लिए इसमें शामिल लोग अभिलेखों से छेड़छाड़ करने की रणनीति बनाने लगे हैं। छात्राओं की उपस्थिति पंजिका में उनकी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए वार्डन, लेखाकार और अन्य लोग जुटे हैं। यह मामला जब डीएम तक पहुंचा तो उन्होंने छात्राओें के उपस्थिति की भौतिक सत्यापन कराने की बात कही।


डीएम दिव्या मित्तल ने कहा कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में भोजन के नाम पर अनियमित तरीके से रुपये निकालने का मामला संज्ञान में है। प्रत्येक छात्राओं की उपस्थिति का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। इसके साथ ही छात्राओं के अभिभावकों से भी पूछताछ कराई जाएगी। अभिलेखों में अगर छेड़छाड़ किया गया तो संबंधितों पर केस दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी।


 

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