7लाख की एम्बुलेंस खरीदा 22नलाख में,सुशासन की सरकार !

 गोरखपर/सिवान


हजारों वर्ष पूर्व आचार्य चाणक्य ने घूस को प्रामाणिक तौर पर लेने की बात को स्वीकार करते हुए कहा था कि सरकारी कर्मचारी बिना घूस के कोई भी आवेदन नहीं स्वीकार कर सकता भ्रष्टाचार कभी भी समाप्त नहीं हो सकता हां भ्रष्टाचार कम किया जा सकता है उसका एक ज्वलंत उदाहरण बिहार के सिवान जिले में स्वास्थ्य विभाग में देखने को मिला है ,जहां एंबुलेंस खरीद में भयंकर घोटाला बताया जा रहा है .

बिहार के पूर्व राज्य मंत्री विक्रम कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर कहा है कि सिवान जिले के अधिकारियों ने एंबुलेंस में व्यापक घोटाला किया है पत्र के मुताबिक ₹700000 की एंबुलेंस 21 लाख 84 हजार रुपए में खरीदी गई है .सिवान के जिला अधिकारी एके पांडे ने इस कथित घोटाले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करते हुए कहा है कि  अपराधी किसी भी हालत में बचने नहीं पाएंगे .जांच के उपरांत सब के ऊपर कार्यवाही की जाएगी. यह तो बिहार की एक बानगी है .लगभग संपूर्ण देश में इस तरह की गतिविधियां हो रही हैं और चाहे प्रदेश सरकार चाहे केंद्र सरकार भ्रष्टाचार के मैटर पर कुंभकरणीठ नीद से उठ नहीं पारही है

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