मुख्य विकास अधिकारी सरनीत कौर ब्रोका ने निर्देश दिया है कि 65 आंगनबाड़ी केंद्र भवन अब गांव के प्रशासक को हस्तगत होंगे। विकास भवन सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर प्रशासक को भवन हस्तांतरित करके अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सीएचसी पर दो बेड का पोषण पुनर्वास केंद्र संचालित कराएं। वर्तमान में जिला अस्पताल के अलावा तीन अन्य सीएचसी पर एनआरसी संचालित है। समीक्षा में उन्होंने पाया कि सीएचसी पर एनआरसी संचालित करने से अति कुपोषित बच्चों का समुचित इलाज हो रहा है तथा अभिभावक अपने बच्चों को लेकर वहां पहुंच रहे हैं। पिछले एक माह के दौरान 29 बच्चों को संदर्भित कर उनका इलाज कराया गया है।
उन्होंने सभी सीडीपीओ को निर्देश दिया कि ड्राई राशन वितरण प्रशिक्षण, बीपी मशीन से बीपी नापने, हीमोग्लोबिन जांच करने, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण देने के लिए कार्य योजना तैयार करें। समीक्षा में उन्होंने पाया कि वीएचएनडी सेशन में इनके द्वारा बीपी और हिमोग्लोबिन जांचने की कार्यवाही नहीं की जा रही है। उन्होंने डीपीआरओ को निर्देश दिया कि सभी गांव में प्रशासक के माध्यम से वेटमशीन क्रय करवाएं।
उन्होंने यूनिसेफ के अधिकारी सुरेंद्र तिवारी को निर्देश दिया कि शीट पर भरे जाने वाले डाटा की गुणवत्ता की जांच करें। शीट पर जाॅचोपरांत वास्तविक रिपोर्ट ही अंकित की जाए। इसका भी अपने बीएमसी के माध्यम से मॉनीटरिंग भी कराएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अंडर वेट सभी बच्चे वीएचएनडी सेशन में जाएं, जहाॅ उनका जांच कराकर उपचार की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आगामी 3 फरवरी बुधवार को वीएचएनडी सेशन आयोजित किए जाएंगे। इसमें मॉनीटरिंग के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। वे स्वयं भी कुछ केंद्रों का निरीक्षण करेंगी।
समीक्षा में उन्होंने पाया कि कुल 36818 अति कुपोषित बच्चों में से 14312 वीएचएनडी सेशन में गए और उनका जांच करके इलाज किया गया। इसमें से 1261 बच्चों को इलाज के लिए सीएचसी/पीएचसी के लिए संदर्भित किया गया।
उन्होंने एनीमिया मुक्त भारत, आंगनवाड़ी केंद्र पर ड्राई राशन वितरण तथा उसकी पोर्टल फीडिंग, सैम, मैम बच्चों का इलाज, कोविड-19 टीकाकरण में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भूमिका की समीक्षा किया। बैठक का संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी सावित्री देवी ने किया। इसमें सीएमओ डॉक्टर एके गुप्ता, एसीएमओ डॉ0 सीके वर्मा, डीपीआरओ विनय सिंह, पीडी आरपी सिंह, डीडीओ अजीत श्रीवास्तव तथा सभी सीडीपीओ उपस्थित रहें।.
उन्होंने सभी सीडीपीओ को निर्देश दिया कि ड्राई राशन वितरण प्रशिक्षण, बीपी मशीन से बीपी नापने, हीमोग्लोबिन जांच करने, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण देने के लिए कार्य योजना तैयार करें। समीक्षा में उन्होंने पाया कि वीएचएनडी सेशन में इनके द्वारा बीपी और हिमोग्लोबिन जांचने की कार्यवाही नहीं की जा रही है। उन्होंने डीपीआरओ को निर्देश दिया कि सभी गांव में प्रशासक के माध्यम से वेटमशीन क्रय करवाएं।
उन्होंने यूनिसेफ के अधिकारी सुरेंद्र तिवारी को निर्देश दिया कि शीट पर भरे जाने वाले डाटा की गुणवत्ता की जांच करें। शीट पर जाॅचोपरांत वास्तविक रिपोर्ट ही अंकित की जाए। इसका भी अपने बीएमसी के माध्यम से मॉनीटरिंग भी कराएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अंडर वेट सभी बच्चे वीएचएनडी सेशन में जाएं, जहाॅ उनका जांच कराकर उपचार की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आगामी 3 फरवरी बुधवार को वीएचएनडी सेशन आयोजित किए जाएंगे। इसमें मॉनीटरिंग के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। वे स्वयं भी कुछ केंद्रों का निरीक्षण करेंगी।
समीक्षा में उन्होंने पाया कि कुल 36818 अति कुपोषित बच्चों में से 14312 वीएचएनडी सेशन में गए और उनका जांच करके इलाज किया गया। इसमें से 1261 बच्चों को इलाज के लिए सीएचसी/पीएचसी के लिए संदर्भित किया गया।
उन्होंने एनीमिया मुक्त भारत, आंगनवाड़ी केंद्र पर ड्राई राशन वितरण तथा उसकी पोर्टल फीडिंग, सैम, मैम बच्चों का इलाज, कोविड-19 टीकाकरण में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भूमिका की समीक्षा किया। बैठक का संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी सावित्री देवी ने किया। इसमें सीएमओ डॉक्टर एके गुप्ता, एसीएमओ डॉ0 सीके वर्मा, डीपीआरओ विनय सिंह, पीडी आरपी सिंह, डीडीओ अजीत श्रीवास्तव तथा सभी सीडीपीओ उपस्थित रहें।.
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