जानलेवा बिजली के नंगे तारों के नीचे जिंदगी !


जौनपुर,उत्तरप्रदेश,5 दिसम्बर 20
बिजली विभाग के तमाम प्रयास के बाद भी शहर के 60 फीसद मोहल्लों में बिजली के खंभों से नंगे तार के जरिए बिजली आपूर्ति की जा रही है। जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। विभागीय अधिकारी बजट का रोना रो रहे हैं। शहर के लगभग 40 प्रतिशत मोहल्लों में प्लास्टिक कोटेड केबिल दौड़ गया है। जबकि आज भी शहर के रूहट्टा, ओलन्दगंज समेत कई मोहल्लों   में केबिल नहीं लग सका है। 

जबकि इसके लिए कई बार विभाग ने प्रस्ताव भी तैयार किया है। प्लास्टिक कोटेड केबिल लगने से यह होता है फायदा प्लास्टिक कोटेड केबिल लगने से बिजली चोरी रुक जाती है, बिना लाइनमैन व जेई के उस तार में कोई भी अपना कनेक्शन नहीं जोड़ सकता, जबकि नंगा तार होने पर लोग कहीं से भी अपना कटिया फंसा देते हैं। इसके अलावा तार नहीं टूटता और फाल्ट की समस्या नहीं रहती है। लाइनलास भी कम होता है। हादसे भी नहीं होते। घनी आबादी के बीच से भी यह केबिल जाने पर कोई एतराज नहीं करता है। एसडीओ का कहना है कि कुछ मोहल्लों में प्लास्टिक कोटेड केबिल  लग सके हैं। जैसी जरुरत होती है, वहां केबिल लगा दिया जाता है। जल्द ही अधूरे मोहल्ले में भी प्लास्टिक कोटेड केबिल लग जाएगा।

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