योगी सरकार का फैसला !अपनी प्रधानी का ठीक से हिसाब न दे पाने वालो के चुनाव लड़ने पर ग्रहण! चार चरणों मे हो सकते है पंचायत चुनांव, जाँच में डीपीआरओ का अहम रोल,योगी

 


लखनऊ: अपनी प्रधानी का ठीक से हिसाब न देने वाले  प्रधानों को  चुनाव से वंचित भी किया जा सकता है उत्तर प्रदेश में जहां  प्रधानी के में अब चुनाव की तारीखों का इंतजार ह, वही परस्पर विवादों की महाभारत भी पटकथा लिखने के लिए क्षेत्र होता जा रहा है ।

सरकार और प्रशासन की ओर से सभीी तैयारियां चल रही है ।हालांकि वोटर लिस्ट दुरुस्त, आरक्षण सूची और परिसीमन का काम अपने अंतिम चरण में चल रहा है. ऐसे में संभावना है कि जनवरी के आखरी सप्ताह या फरवरी के पहले सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाए और प्रदेश में चुनावी बिगुल बज जाए. इस बीच सरकार केे एक आदेश सेे 25 दिसंंबर को अपना कार्यकाल पूरा कर चुके ग्राम प्रधान काफ़ी परेशान नजर आ रहे हैं और सांसत में हैं. परेशानी का सबब है उनका पांच साल का कार्यकाल कि ग्राम प्रधानों ने अपने कार्यकाल में सरकारी पैसे को कहां-कहां और कितना इस्तेमाल किया है इसकी जांच शुरू होनेे वाली है. अगर इस जांच की आंच आती है और गड़बड़ी पाई गई तो कई मौजूदा ग्राम प्रधानों के इस बार चुनाव लड़ने पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं.

जिला पंचायत अधिकारी होंगे जांच अधिकरी

जिला पंचायत अधिकारी जांच करेंगे कि प्रधानों ने अपने कार्यकाल में राजस्व को कहां-कहां और कितना इस्तेमाल किया. कार्यकाल के दौरान कितनी धनराशि आवंटित की गई है और कितना धनराशि से विकास कार्य कराया गया है. इसकी भी जांच होगी. मुख्यालय से आदेश आया है कि जमीनी जांच की रिपोर्ट मिलने के बाद यदि किसी प्रकार की गड़बडी पाई जाती है तो संबंधित तत्कालीन ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई भी की जासकती है ।

एडीओ ने संभाला है कार्यभार

प्रदेश में 58 हजार से ज्यादा ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त होने के बाद से अब पंचायत चुनाव तक ग्राम सभा का कार्यभार एडीओ संभालेंगे. इस बार ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे. प्रदेश में शनिवार से ग्राम पंचायत की कमान एडिशनल डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर (एडीओ) संभालेंगे. अब यही अधिकारी ग्राम पंचायत के विकास के लिए काम करेंगे. इसके साथ ही लोगों की समस्याओं का निवारण भी करेंगे.


चार चरण में हो सकते हैं चुनाव

प्रदेश का पंचायती राज विभाग 28 जनवरी से 5 फरवरी के बीच चुनाव से संबंधित संभावित कार्यक्रम आयोजित करने पर विचार कर रहा है. इसके बाद चुनाव आयोग अपने हिसाब से पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करेगा. राज्य सरकार ये चाहती है कि 31 मार्च तक चुनाव कराते हुए पंचायतों का गठन किया जा सके, जिससे अप्रैल में होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं पर किसी तरह का कोई असर न पड़े.

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form