बस्ती,उत्तर प्रदेश
जहां संपूर्ण दुनिया संपूर्ण तालाबंदी (लॉक डाऊन )के खिलाफ सेवा करते हुए सारे भेदभाव भूलकर सफेद वर्दीधारी कोरोना योद्धाओं को नमन कर रही है और उसकी आरती उतारने से लेकर के पैर धोने तक का काम किया जा रहा है वही इस पेशे में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने धर्मराज के इस पेशे को कलंकित कर यमराज का पैसा बना रखा है।बस्ती जनपद में कुछ प्राइवेट नर्सिग होम की हालत यह है कि जो( प्रसूताओं) डिलीवरी पहले 25हजार में कराते थे उसको उन्होंने 36100कर दिया ।
जो दस्ताना फ्री में डॉक्टर को पहन करके देखना चाहिए वह अपने नर्सिंग होम की मेडिकल की दुकान से मरीज से ही वखरीद वाकर के पहन रहे हैं ।इससे ज्यादा और कसूर क्या हो सकता है ।और एक नहीं अनेक नर्सिंग होम के स्थिति यही है ।कुछ ने तो निशुल्क देखना शुरू कर दिया है। पर कुछ लोग तो करुणा महामारी को कमाने के लिए अवसर की तलाश में थे और उन्हें मिल गया है।यह मानवता नही दानवता है।
वास्तव में ऐसे पेशे को कलंकित कर रहे हैं ।यह मानवता के लिए कलंक और शर्मसार करने वाली बातहै।
बस्तुतः बस्ती केआई एम ए को देखना व नियंत्रित करना चाहिए।आज आवश्यक्ता है डाक्टर सदाशयी बने न कि निर्दयी।
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