तब्लीग़ी जमात का लाक्षागृह

महाभारत के कुपात्र दुर्योधन अपने शत्रुओं को नाश करने के लिए मित्रों के साथ एक ऐसा स्थान बनाया कि जहां पांडव जाएं और सपरिवार वहां उनको जरा करके भस्म कर दिया जाए। उस व्यवस्था का नाम था लाक्षागृह। आज इस्लाम का अनैतिक समर्थक अपने साथियो सहित  निजामुद्दीन मरकज को लेकर के जो संपूर्ण इस्लाम के नाम पर कलंक की तरह साबित हो रहा है उसने अच्छे इस्लाम वादियों की बातों को स्वीकार न करते हुए निजामुद्दीन में एक अलग से लाक्षागृह का निर्माण किया ।लाक्षागृह जिसमें उसने अपनों को होम करने के लिए सोचा जबकि दुर्योधन ने दूसरों को जलाकर मार डालने के लिए लाक्षागृह का निर्माण किया था ।अर्थात महाभारत के पात्र दुर्योधन से भी खराब स्थिति मोहम्मद साद है जो जमात का अमीर है पर दिमागसे गतिब ही नही पतित भी है।


 बताते हैं कि तमाम लोगों ने उसे समझाने के लिए बहुत प्रयास

 

 किया परंतु किसी की एक न मानी  और हजारों लोगों को देश विदेश से इकट्ठा करके स्वयं लाक्षागृह में भस्म होने के लिए तैयार था परंतु केंद्र सरकार के सजग हो जाने के कारण उसका लाक्षागृह जलने से पहले लोगों को पता चल गया ।।

अभी स्थिति यह है कि जो इस्लाम बताते हैं कि शांति का पैगाम देता है वह इस्लाम साद जैसे लोगों को जमात बना करके सारी दुनिया की आंखों में धूल झोंक कर क्यों उचित आचरण करने के लिए अनुमति देता है ।यह बात सत्य है की इस्लाम में काफिरों को मारने के आदेश पर न वह इस्लाम रहा   आयतो की हालत व्याख्या करके लोगो को गुमराह करने धर्म विरोधी,राष्ट्र विरोधी व समाज विरोधी है।और न ही उस तरह के लोगो को इस देश में लोकतंत्र ने स्वीकार  किया है।

 जहां हिंदू और मुसलमान धर्म के आधार पर नहीं डॉक्टर अंबेडकर द्वारा प्रनीत संविधान को गीता की तरह मानकर चलते हैं यही गीता पुराण भी है यही गीता संविधान भी है ।परंतु जिस तरह से करो ना कि संक्रमण बीमारी के साथ सारी दुनिया को आंख में धूल झोकते हुए सैड नेकुत्सित आचरण साथियों सहित 

 

 तहस-नहस करने का प्रयास किया है और संपूर्ण समाज सहित संपूर्ण देश को और उनके ज्वालामुखी पर लाकर खड़ा कर दिया उसके लिए जितने भी सजा दी जाए कम है। यह बात सच है कि इस्लाम के बजाय अगर कोई दूसरा धर्म होता आज इस तरह से साथ की हिम्मत नहीं होती परंतु वही साद हैं जिन्होंने 1947 में 90% लोगों को लेकर पाकिस्तान का साथ दिया था ऐसे लोग ही जमात में बैठ कर के काम कर रहे हैं।

 आज आवश्यकता इस बात की है कि समाज को देखकर सर्व धर्म समभाव से ले करके सारी दुनिया में एक विशेष प्रकार के मानव धर्म को स्थापना की जाए जहां से भारत संपूर्ण विश्व को यह संदेश देने में सक्षम हो कि हां नरेंद्र मोदी और भारत में यह क्षमता है कि वह फिर से भारत का विश्व गुरु हो सकता है और समाज सिद्धान्त व  धर्म की गलत व्याख्या करने वालों के खिलाफ स्वयं उन्हीं के धर्म और समाज के लोग अगर इस तरह से जमात के लोग पैदा होते रहे और रक्तबीज पैदा होते रहे तो निरंतर लाक्षागृह

 

 

 बनते रहेंगे ।हर जिले में लाक्षागृह बनाने का काम भी जमात के तबलीगी लोगों ने किया है और जहां समाज का विरोध है वही देश का भी विरोध ऐसे लोग राष्ट्रघाती

हैं जमात 

घाती

 

ती हैं देश खाती हैं और सबसे बड़ी बात है आत्मा के भी घाती है ।

आइये समाज बिरोधी, धर्म विरोधी समाज विरोधी का बहिष्कार कर भारत माता को जमात का लाक्षागृह बना देने के कुसंकल्प को ध्वस्त करें और जो धर्म को सरियासे चलाने का प्रयास कर रहे हैं उन्हें समय आनेपर दण्डित करने करलिये सरकार पर दबाव डाले।जिससे भविष्य में कोई दुर्योधन(साद) देश व समाज को भरमाकर लाक्षागृह बनाने की सोच भी न सके

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