आखि़र ब्राह्मण ने किसका क्या बिगाड़ा ? कितने अपराधों का रीकार्ड किसके नाम


बस्ती,वशिष्ठनगर

कौटिल्य शास्त्री



 रावण को सीता का हरण करना था उसने वेष बनाया ब्राह्मण का। हनुमानजी को राम का भेद लेना हुआ उन्होंने वेष बनाया ब्राह्मण का। कालनेमी को हनुमानजी को उनसे मार्ग से भटकाना हुआ उसने वेष बनाया ब्राह्मण का। कर्ण को परशुराम जी से धनुर्वेद का ज्ञान लेना हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। श्रीकृष्ण को कर्ण को छलना हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। श्रीकृष्ण सहित भीमादि पांडवों को छल से जरासंध का वध करना हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। वरुण को राजा हरिश्चंद्र की परीक्षा लेना हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। विश्वामित्र को राजा हरिश्चंद्र को छलना को हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। विष्णु को राजा बलि को छलना हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। अश्विनी कुमारों को च्यवन ऋषि की पत्नी सत्यवती की परीक्षा लेना हुआ वेश बनाया ब्राह्मण का। अपने अज्ञातवास के दौरान पांडव सहित कुंती तथा द्रौपदी ने कई बार ब्राह्मण का वेश धारण किया।

जब जब किसी को कोई समाजवर्धी , राष्ट्रविरोधी पाप और क्रूर कर्म करना हुआ तो उसने ब्राह्मण का वेश ही धारण किया।

क्यों? क्योंकि ब्राह्मण नाम है एक भरोसे का। ब्राह्मण नाम है एक विश्वास का। ब्राह्मण नाम है सत्य का। ब्राह्मण नाम है धर्म का। ब्राह्मण नाम है सबका कल्याण चाहने वाला,सबको सुखी देखने वाला,सबको साथ लेकर सन्मार्ग पर चलने वाला,राष्ट्रभक्ति , दूरदर्शिता,अध्ययन,लगन, ज्ञान, त्याग, तप, बलिदान ,शील,धैर्य,निष्पक्षता,

संतोष और संयम का।

इसलिए ब्राह्मण के नाम, ब्राह्मण की प्रतिष्ठा का लाभ उठाना बहुत आसान था। उसके वेश से, उसके नाम से लोगों को मूर्ख बनाना आसान था। उसके नाम से लोगों को ठगना आसान था। आज भी यही हो रहा है। हालांकि अब ब्राह्मण नाम ब्रांड नहीं एक धब्बे जैसा लगता है। ब्राह्मण होना पाप जैसा लगता है।

आखिर ब्राह्मण इतने कुकर्मी हैं जो ?

ब्राह्मणों ने सदियों तक मौर्यवंशी सम्राटों, चंवर वंशी क्षत्रिय राजाओं (अब चमार), अहीर-यदुवंशी राजाओं, महार-कहार-कुर्मी-पासी-राजभर,मल्लाह-निषाद जाति के राजाओं, नाई जाति के राजाओं, डोम राजाओं, नागवंशी राजाओं, हैहय वंशी राजाओं, जाट-गुर्जर-पाल,बघेल-परमार-

प्रतिहार राजाओं,मराठा,डोंगरा, चोल-चालुक्य-वेंगी-वर्मन वंशी राजाओं, सूर्यवंशी, चंद्रवंशी चक्रवर्ती सम्राटों ,महाराजाओं का शोषण किया? उन्हें दबाया कुचला, पीड़ित और प्रताड़ित किया। वे राजे ,महराज के परिवार के लोग 80-90% और ब्राह्मण केवल 3-5%। राजे , महाराजे की सेना, उनका राजपरिवार,उनकी प्रजा, उनके हथियार, उनके अस्त्र-शस्त्र,किले, उनका खजाना, उनकी ताकत, उनके साथ उनकी बिरादरी का बल व सहयोग और ब्राह्मण ठहरे कमजोर अल्पसंख्यक?

अल्पसंख्यक होते हुए भी ब्राह्मण एक धोती, शिखा, जनेऊ, तिलक, छोटी सी कुटिया में रहने वाले , कभी कभी भूखे पेट रहकर सोने वाले ने राजे , महाराजे और उनके परिवार को लूट लिया? बर्बाद कर दिया है? सदियों तक शोषण करके तबाह कर दिया? और इस कदर तबाह किया वे अपना सिर ही न उठा सके? अब झूठे और मनगढ़ंत शोषण की झूठी कहानियों पर आधारित इतिहास का बदला लिया जा रहा है?

अफसोस।

लेकिन, लेकिन रुकिए!

या तो क्या गैर ब्राह्मण राजे , महाराजे इतने अनभिज्ञ,अदूरदर्शी , मूर्ख, निर्बुद्धि, कायर, निर्बल ,असहाय और अज्ञानी थे कि उन्हें ब्राह्मणों का अत्याचार, कमीनापन दिखा नहीं अथवा ब्राह्मण वाकई इतने योग्य, सामर्थ्यवान थे कि राजे , महाराजे लोग चकरघिन्नी की तरह सहस्राब्दियों तक नाचते रहे, नट-मरकट की तरह अथवा यह अब तक का सबसे बड़ा झूठ है, षड्यंत्र है, धोखा है।

प्रकृति की अनमोल धरोहर मानव हो ,मानवता दिखाई पड़नी चाहिए ,जातीयता नहीं

इन चंद जातिवादी हिंदू विरोधी,सनातन संस्कृति विरोधी चाटुकारों की राजनैतिक पराकाष्ठा के झांसे में न आएं ।

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