विद्यालयों के विलय के विरोध में मेधा का उपवास

 


विद्यालयों को मर्ज किये जाने के विरोध में मेधा ने किया उपवास


शिक्षा विरोधी निर्णय वापस ले सरकार-दीनदयाल त्रिपाठी
बस्ती । 
परिषदीय विद्यालयों को मर्ज किये जाने के प्रदेश सरकार के निर्णय के विरोध में आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को मेधा प्रवक्ता दीनदयाल त्रिपाठी के नेतृत्व में मेधा पदाधिकारियों, शिक्षकों, शिक्षा मित्रों आदि ने गांधी कला भवन परिसर में स्थित बापू प्रतिमा के समक्ष उपवास किया। उपवास के बाद दीनदयाल त्रिपाठी ने कहा कि भाजपा सरकार निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने की नीयत से परिषदीय विद्यालयों को मर्ज करना चाहती है। सरकार चाहती है कि समाज में अशिक्षा और गरीबी का वातावरण बना रहे जिससे भाजपा का साम्प्रदायिक धु्रवीकरण का एजेन्डा चलता रहे।
दीनदयाल त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार, अनुकूल वातावरण का सृजन करना कल्याणकारी सरकारों का संवैधानिक दायित्व है। परिषदीय विद्यालयों के मर्ज होने का सर्वाधिक दुष्प्रभाव गरीबों के बच्चों पर पड़ेगा और वे स्कूल जाना बंद कर देंगे। कहा कि निजी स्कूलों ने शिक्षा का पूरी तरह से बाजारीकरण कर दिया है, सरकार उनकी मनमानी पर मूकदर्शक बनी हुई है। मांग किया कि परिषदीय विद्यालयों को मर्ज करने का अपना निर्णय सरकार वापस ले वरना मेधा जन सहयोग से निर्णायक  आन्दोलन को बाध्य होगी।
मेधा के उपवास कार्यक्रम में मुख्य रूप से उमेश पाण्डेय ‘मुन्ना’, विनोद तिवारी, प्रमोद यादव, संजय प्रधान, नागेन्द्र, प्रशान्त, राहुल तिवारी, रूद्र आदर्श पाण्डेय, विपुल पाण्डेय, गिरीश चन्द्र गिरी, वंशराज गुप्ता, वीरेन्द्र कुमार शुक्ल, कृष्णचन्द्र सिंह, जय प्रकाश शुक्ल, अनिल यादव, अंशू आदि शामिल रहे। 

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