संविधान की हत्या का कांग्रेस का कलंकित इतिहास,जिसने अपने नागरिकों पर ही बम बरसाए


देश के स्वतंत्रता केलिए संघर्ष का दंभ भरने वाली कांग्रेस का इतिहास,वर्तमान औरभविष्य स्याह व घृणित और कालिमा की प्रेत छाया को भी शर्मिंदा करने वाला है. अंग्रेजों के संरक्षण में स्वातंत्र्य आंदोलन करने वाली कांग्रेस हमेशा यही कहती आ रही है कि यदि कांग्रेस न होती शायद स्वतंत्रता न मिलती.परंतु सत्य यह है कांग्रेस स्वतंत्रता के समय पार्टी नहीं विचार थी,जिसपर सबको अधिकार और विश्वास रहा.गांधी ओर नेहरू अंग्रेजों के संरक्षण में आंदोलन रत थे.हमेशा उनके लिए सुरक्षा घेरा अंग्रेजों की पुलिस ही संभालती रही.तिलक और गांधीके मतभेद के बाद गरम ओर नरम दल आखिर किसकी जायज संताने थी. भगत सिंह,राजगीर और सुख देव को फांसी से बचाने का विकल्प कांग्रेस के पास था,पर गांधी ने जवाहर नेहरू के दबाव में मानाकर दिया.कांग्रेस इस गलत फहमी में जिंदा है कि देश को स्वतंत्र उसने ही कराया.यह ठीक उसी तरह  है कि बैलगाड़ी के नीचे कुत्ते को भान रहे इस वाहन का सारा भार मेरे ही कंधों पर है.

कांग्रेस के खाते में देश विभाजन का महा पाप भी है,कांग्रेस,कम्युनिस्ट, और मुस्लिम लीग की ठगी का शिकार देश और उसकी जनता को आज भी भुगतना पड़ रहा है.संविधान की हत्या इंदिरा ने 1975 में की,प्रेस का गला उसने दबाया,असंख्य प्रमुख हत्याओं का ताज भी उसी के पास ही है 

इसकी अगर सूची बनने लगे तो शायद समय कम पड़ जाए फिर भी किसी भी कार्य की समीक्षा देश,काल,वातावरण के अनुसार करनी चाहिए । यहां हम केवल उन गलत कामों का जिक्र करेंगे जो कांग्रेस ने आज़ादी मिलने के बाद की-

1.इस्लामिक ताकतों से डरकर भारत का बंटवारा

2.कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाकर उसे अनसुलझा ही छोड़ देना।

3.नेपाल के विलय को मंजूरी न देना(तत्कालीन नेपाली राजा ने भारत मे विलय की गुजारिश की थी)

4.संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता को ठुकराना ।

5.चीन की आदतों को जानते हुए भी उससे दोस्ती का प्रयास करना जिसके कारण युद्ध का आगाज हुआ और तिब्बत हमारे हाथ से निकल गया।

6.पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता

7. पाकिस्तान के साथ हमेशा ढुलमुल रवैया

8.आपातकाल

9.मिज़ोरम में अपने ही देश के नागरिकों पर हवाई हमला

10.अंतराष्ट्रीय सीमाओं का ठीकठाक निर्धारण न होना

11.राज्यों का बंटवारा तो किया लेकिंन उनको अलग अलग राजधानी आज तक नही मिली(हरियाणा-पंजाब,आंध्रा-तेलंगाना)

12.1972 के पाक युद्ध मे लाखों युद्ध बंदियों के बावजूद अपनी शर्तों को पाकिस्तान पर न थोपना।

13.बेतहाशा मुस्लिम तुष्टिकरण

14.राजनीति में परिवारवाद को संस्कृति बना देना

ये कुछ उदाहरण हैं जिनसे कांग्रेस की कार्यशैली का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

संक्षिप्त में कांग्रेस यही चाहती है राजेंद्र सच्चर की रिपोर्ट लागू हो और सत्ता के लिए पागल हुआ जा रहा 57 वर्षीय युवा राजकुमार सिंहासन बत्तीसी पर बैठ जाय.

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