सुप्रीम कोर्ट के मिलार्ड के हिसाब से कानून व्यवस्था तो उत्तर प्रदेश में ध्वस्त हो चुकी है..
गनीमत है पश्चिम बंगाल में आज भी कानून का शबाब है, शासन है…यह जवाब बिल्कुल सही है सुप्रीम कोर्ट ने तो ये बयान उत्तरप्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था की वज़ह से दुखी होकर दिया. लेकिन हालत बिल्कुल जंगल राज वाली ही है.उत्तरप्रदेश में कानून व्यवस्था के ये हाल है की कौन कब किसको गोली मार दे कोई नहीं जानता. कब गौरक्षक आपकी पीट पीट कर जान ले ले किसी को नहीं पता. कहाँ कब किस लड़की का बलात्कार हो जाये भगवान भी नहीं जानता.
जज साहब विवेक का इस्तेमाल का अधिकार है आपको पर जो तूफान खड़ा किया अपने वह देश की सुप्रीम व्यवस्थाकवलीय निर्थक,हानिकारक और अपमानासपद हैं.अपने अपना काम किया नहीं, सैकड़ों प्राथमिकता से मुंह मोड़ा, जस्टिस वर्मा को न्याय पालिका के रहमो करम पर छोड़ा,क्या यह न्यायिक अराजकता नहीं है?सारा देश कॉलेजियम सिस्टम से त्राहिमाम कर कर रहा, और आप स्व जन्य स्वार्थ परता को स्वीकार ही नहीं अपितु परम्परा बना के चल रहे हैं,देशकमे मेधा को दबाने का कार्य न्याय पालिका की गुंडई नहीं है.
हमारा योगी से कुछ भी मतलब नहीं, पर आपको पश्चिमबंगाल,बिहार,कर्नाटक, नहीं दिखता,अपने चश्मे का जाते जाते मानक भी बदलवाएं जज साहब.आप सब क्या जाने अभाव क्या होता है सोने के चम्मच से खाना ही कॉलेजियम सिस्टम है.
उक्त बयान जाने के कुछ दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम जज संजीव खन्ना ने कह दिया उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूर्णतया ध्वस्त हो गई है. बताते हैं कि संजीव खन्ना ने इतना बड़ा सवाल उत्तर प्रदेश पर खड़ा कर दिया,क्यों किया यह वही जाने या उनका पूर्वाग्रह जाने.योगी पर अत्याचार और ममता पर सद्विचार की वर्षा समझ के परे है,इन्हीं लोगों से उद्विग्न हो निशिकांत दुबे ने कहा होगा,सुप्रीम कोर्ट अराजकता की जिम्मेदार है.अपने एक जज को 50 करोड़ के साथ धराया,उसे राजकीय सम्मान का हकदार बना प्रयाग भेज देना न्यायिक अराजकता नहीं कही जासकती जज साहब!
आपको बंगाल नहीं दिखेगा,
आपको आधी रात आतंकियों के लिए अदालत लगाना शुचिता दिखेगी
कुछ जानकारों ने कहा भी हे कुछ वकीलों ने सुप्रीम न्याय व्यवस्था पर कब्जा कर लिया है,वह भी नहीं दिखेगा.
सांस्कृतिक,राष्ट्रीय पुनर्जागरण का घोष करने वाला एक संत ,जिसे आप अपराधी बता सकते हैं
एकबार भी आपने देश की न्यायिक समीक्षा नहीं की,वह अच्छा लगेगा आपकोबिहार किशन गंज का sho बंगाल में पीट कर मर डाला गया, वहां आप चिर शांति आप ही जैसे लोग बता रहे.
आपको बताए जज साहब!योगी आदित्यनाथ में कमी होसकती है,वे पूर्णता के प्रतीक और लाखों के आदर्श नहीं.पर हजारों वर्षों की गुलामी कोछठा कर राममंदिर का मार्गप्रशस्त करना योगी और मोदी की ही देन है.
जाते जाते आपको न्यायिक समीक्षा,कॉलेजियम सिस्टम पर प्रहार करना चाहिए था,अपने उत्तर प्रदेश को धिक्कारा,यह असंगत और आयोचित्य हीन है.
राजेंद्र नाथ तिवारी