आतंकियों की गिरफ्तारी पर यूपी में सियासत शुरू,राजनीति गर्म!

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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।


 राजधानी में अलकायदा सगंठन के दो संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के करीब आने पर इस तरह की कार्रवाई लोगों के मन में संदेह पैदा करती है। हालांकि मायावती ने यह भी कहा है कि आतंकवादी होने को लेकर पुलिस का दावा अगर सही है तो उचित कार्रवाई होनी चाहिए। 



बसपा नेता ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस का लखनऊ में आतंकी साजिश का भंडाफोड़ करने व इस मामले में गिरफ्तार दो लोगों के तार अलकायदा से जुड़े होने का दावा अगर सही है तो यह गंभीर मामला है और उचित कार्रवाई होनी चाहिए वरना इसकी आड़ में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, जिसकी आशंका व्यक्त की जा रही है।




इससे पहले रविवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के ऑपरेशन से जुड़े सवाल पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि मैं उत्तर प्रदेश की पुलिस पर और खासकर भाजपा सरकार पर भरोसा नहीं कर सकता। अखिलेश के बयान की भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कड़ी आलोचना किया था। उन्होंने एक ट्वीट में सपा प्रमुख का वीडियो साझा करते हुए पूछा कि आप किस देश के लिए बल्लेबाजी कर रहे हैं, यह सवाल आज सभी के मन में है।


अखिलेश को निशाने पर लेते हुए उत्तर प्रदेश भाजपा ने एक अलग ट्वीट में कहा कि "इस सफलता पर गर्व करने के बजाय, पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाकर उत्तर प्रदेश पुलिस को अपमानित किया है"। अखिलेश जी बताएं कि देश की सुरक्षा उनके लिए जरूरी है या तुष्टिकरण की राजनीति? गौरतलब है कि यूपी पुलिस एटीएस ने रविवार को लखनऊ में अलकायदा समर्थित 'अंसार गज़वतुल हिंद' से जुड़े दो संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना है कि ये लोग आगामी स्वतंत्रता दिवस पर लखनऊ सहित कई शहरों में बम विस्फोट करने की फिराक में थे।



सोमवार को दोनों संदिग्ध आतंकियों को लखनऊ की एडीजे कोर्ट में पेश किया गया। जहां एटीएस ने रिमांड की मांग की। कोर्ट ने दोनों संदिग्‍धों को 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। रिमांड मिलने के बाद एटीएस के पास सहूलियत रहेगी और अगर वह चाहेगी तो आरोपियों को लखनऊ से बाहर ले जाकर भी पूछताछ कर सकती है।  

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