ऑपरेशन थियेटर में कथित गैंग रेप की पीड़िता ने आज दम तोड़ दिया,भाई को लिखकर दिया था डॉक्टर अच्छे नही,मेरेसाथ गलत काम किया

 

प्रयागराज


प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू (SRN) हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर में जिस युवती के साथ कथित गैंगरेप हुआ था, मंगलवार सुबह उसकी मौत हो गई। मामले में 8वें दिन पुलिस ने हॉस्पिटल के 4 अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। एसएसपी प्रयागराज सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जो भी दोषी होगा कार्रवाई होगी। युवती को यहां 31 मई की रात गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। उसी रात उसकी आंत का ऑपरेशन किया गया था। 2 जून को होश में आने के बाद युवती ने आरोप लगाया था कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है। युवती ने अपने भाई को लिखकर कहा था, 'डॉक्टर अच्छे नहीं हैं। उन्होंने मेरे साथ गंदा काम किया।'

पीड़िता ने यह लिखा था
पीड़िता मिर्जापुर से प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में इलाज कराने आई थी। उसके भाई ने बताया कि पीड़िता मिर्जापुर की रहने वाली है। उसकी आंत का ऑपरेशन किया गया था। आंत के ऑपरेशन के बाद दे रात जब उसे वार्ड में छोड़ा गया तो वह अचेत लग रही थी और कुछ कहना भी चाह रही थी। जब उसे पेन और कागज दिया तो उसने कंपकंपाते हाथों से लिखा कि डॉक्टर अच्छे नहीं हैं। सब मिले हैं। कोई इलाज नहीं किया और मेरे साथ गंदा काम किया। उसने लिखकर बताया कि चार लोगों ने उसके साथ रेप किया है। युवती के लिखते हुए भी उसके चचेरे भाई ने वीडियो बनाया है और उसको भी वायरल कर दिया है।वीडियो में उसका सगा भाई भी बैठा हुआ है.

मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं
डॉक्टर्स की एक कमेटी ने जांच के बाद रेप के आरोपों को खारिज कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गलतफहमी के चलते ये आरोप लगाया गया है। ये मेडिकल रिपोर्ट पुलिस को भी जांच टीम ने सौंप दी है।
हॉस्पिटल प्रशासन पहले ही आरोपों को सिरे से खारिज कर चुका है। प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह का कहना है कि युवती के ऑपरेशन में 8 लोगों की ड्यूटी लगी थी। इसमें 5 लेडी स्टाफ शामिल थीं।

प्रिंसिपल ने कहा- आंत सड़ चुकी थी, डॉक्टर ने काफी मेहनत करके ऑपरेशन किया
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह ने युवती के भाई के आरोपों को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि युवती के आंत में इंफेक्शन था। काफी हिस्सा सड़ चुका था। उसे काटकर अलग किया गया। जांच कमेटी की रिपोर्ट भी आ गई है। इसमें तीन महिला और एक पुरुष डॉक्टर शामिल थे। जांच में भी यही पाया गया है कि युवती और उसका भाई गलतफहमी का शिकार हुए हैं। ऑपरेशन के दौरान 8 मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर की टीम थी। इसमें 5 महिलाएं थीं।

आंत के ऑपरेशन से पहले प्राइवेट पार्ट की सफाई की जाती है और ऑपरेशन के बाद उसमें नली लगाई जाती है, ताकि मरीज पेशाब कर सके। मरीज जब बेड पर आई तब भी उसके प्राइवेट पार्ट की सफाई हुई, ताकि इंफेक्शन न फैले और फिर उसमें पेशाब के लिए नली लगा दी गई। ये सब काम महिला स्टाफ ही करती हैं। ऐसे में हो सकता है कि युवती बेहोशी के हालत में इसे गलत समझ ली हो।


SHO बोले- परिजन जो चाहेंगे होगा
कोतवाली SHO अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि युवती की सुबह साढ़े आठ बजे डेथ हुई है। परिजन अभी पोस्टमार्टम को लेकर असमंजस में हैं। परिजन जो कहेंगे वही होगा। फिलहाल मौके पर मेडिकल कॉलेज व पुलिस प्रशासन के कई अफसर पहुंच गए हैं। बवाल की आशंका को देखते हुए पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल लगा दिया गया है।

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