प्रतिरक्षण में गिलोय सबसे महत्वपूर्ण कारक

बस्तीः कोरोना वायरस के संक्रमण से दुनिया परेशान है। सरकारी व निजी स्तर पर हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। शोध से जुड़ा बुद्धिजीवी तबका वायरस के लिये वैक्सीन की खोज में लगा है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से बार बार एडवाइजरी जारी कर नागरिकों से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्ष्मता बनाये रखने के तौर तरीकों पर अमल करने की बात कही जा रही है।

आयुर्वेदिक उपचार से जुड़े चिकित्सा विशेषज्ञों ने गिलोय को इम्यूनिटी बढ़ाने का बेहतर माध्यम बताया है। जिला अस्पताल के आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा ने कहा गिलोय एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसका इस्‍तेमाल अनेक बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है। इसके कई लाभ हैं लेकिन इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस जड़ी बूटी से इम्यूनिटी पॉवर तेजी से बढ़ती है। अगर व्‍यक्ति का इम्यूनिटी पॉवर बढ़ जाए तो उसे कई बीमारियों से लड़ने के लिये सुरक्षा कवच मिल जाता है। अगर आपको बार-बार सर्दी-जुकाम, खांसी रहती है या जल्‍दी बुखार पकड़ लेता है तो आपकी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है।

इम्यूनिटी पॉवर को बढ़ाने के लिए पूरे ब्रह्मांड में इम्यूनिटी बढ़ाने के ज्ञात माध्यमों में गिलोय से अचूक औषधि और कोई नहीं है। गिलोय का रस पीने से कई बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। गिलोय को गुडुची और अमृता नाम से भी जाना जाता है। इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट्स प्रचुरता में होते हैं जो कि फ्री-रेडिकल्‍स से लड़ने में मदद करते हैं और कोशिकाओं को स्‍वस्‍थ एवं बीमारियों से दूर रखते हैं। इस समय कोरोना वायरस से बचने के लिए इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। खास तौर से 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को ज्यादा सकर्त रहने और गिलोय इसका सबसे आसान एवं असरकारी तरीका है। बार-बार बुखार की समस्‍या से गिलोय छुटकारा दिला सकता है। इसमें बुखार-रोधी गुण होते हैं और इसीलिए डेंगू, मलेरिया और स्‍वाइन फ्लू जैसी जानलेवा बीमारियों के लक्षणों को कम करने के लिए गिलोय का इस्‍तेमाल किया जाता है।

पाचन में सुधार लाने में भी गिलोय बहुत लाभकारी होता है। कब्‍ज से राहत पाने के लिए भी गिलोय का सेवन किया जा सकता है। अगर आपको कब्‍ज की समस्‍या रहती है तो आप गिलोस के रस का सेवन कर सकते हैं। इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ गिलोय डायबिटीज का भी इलाज करती है। यह टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में मददगार है। गिलोय का जूस ब्‍लड शुगर के उच्‍च स्‍तर को कम करने में मदद करता है। गिलोय में मानसिक तनाव और एंग्‍जायटी को भी कम करने की शक्‍ति होती है। ये शरीर से विषाक्‍त पदार्थों को बाहर निकालती है और याद्दाश्‍त बढ़ाती है। गिलोय में सूजन-रोधी और गठिया-रोधी गुण भी होते हैं जो कि आर्थराइटिस और इसके अनेक लक्षणों के इलाज में मदद करते हैं।

डा. वर्मा बताते हैं कि गठिया के मरीजों को गिलोय के रस का सेवन करना बहुत फायदेमंद रहता है। अस्‍थमा के कारण सीने में जकड़न, सांस लेने में दिक्‍कत, खांसी और घरघराहट आदि होती है। इस वजह से अस्‍थमा के मरीज की स्थिति और बिगड़ जाती है। गिलोय की जड़ चबाने या इसका जूस पीने से अस्‍थमा के मरीजों की सेहत में सुधार आता है। गिलोय के सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है और बढ़ती उम्र के निशान भी दूर होते हैं। ये लिवर से जुड़ी बीमारियों और मूत्र मार्ग में संक्रमण से भी लड़ने में मददगार है।


Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form